Jigra Movie (2024): Release Date, Cast, Review, Trailer
Jigra Movie (2024) : Release Date, Cast & Review
Director | Vasan Bala |
Cinematography | Swapnil S. Sonawane |
Music | Achint Thakkar |
Cast | Alia Bhatt, Vedang Raina |
Producer | Karan Johar, Apoorva Mehta, Somen Mishra |
Writer | Debashish Irengbam |
Genre | Action |
Language | Hindi |
Release Date | 11 October 2024 |
Production | Dharma Productions, Eternal Sunshine Productions |
Jigra Movie (2024): Movie Story
“सत्या” की शुरुआत एक बेहद भावुक दृश्य के साथ होती है, जिसमें सत्या नाम की छोटी बच्ची और उसका भाई अंकुर अपने पिता को मृत अवस्था में पाते हैं। पहले ही सत्या की मां का देहांत हो चुका था, और अब उसके पिता की आत्महत्या ने दोनों बच्चों को पूरी तरह से अनाथ बना दिया। इस त्रासदी से सत्या की ज़िंदगी बदल जाती है, और आगे चलकर वह अपने छोटे भाई अंकुर के साथ खुद को इस कठिन दुनिया में बचाने की कोशिश करती है।
कहानी में कुछ साल का समय बीत जाता है, और अब हम सत्या को एक युवा महिला के रूप में देखते हैं, जो अपने रिश्तेदारों के होटल में मैनेजर के तौर पर काम कर रही है। इसी दौरान उसके कजिन की शादी की तैयारियाँ चल रही होती हैं, लेकिन एक अनचाही सच्चाई सामने आती है—सत्या का कजिन अपनी गर्लफ्रेंड के साथ भागकर शादी करने की योजना बना रहा था। वह गर्लफ्रेंड गर्भवती थी, और उसके कजिन के पिता का मानना था कि इस बात से उनकी इज्जत पर बट्टा लगेगा।
सत्या अपने कजिन को समझाने की कोशिश करती है और उसे उसकी गर्लफ्रेंड और बच्चे की सुरक्षा की चिंता करने को कहती है। अपनी सलाह के अनुसार, सत्या अपने कजिन की गर्लफ्रेंड को पैसे देकर मदद करती है ताकि वह अपने बच्चे की देखभाल कर सके। कहानी में यहां से रिश्तों की पेचीदगी और परिवार के भीतर की राजनीति खुलकर सामने आती है।
सत्या के छोटे भाई अंकुर की कबीर नामक लड़के के साथ गहरी दोस्ती होती है, जो उसके बड़े पापा का बेटा है। कबीर और अंकुर के बीच अच्छी बॉन्डिंग है, और दोनों मिलकर बिजनेस करने की योजना बनाते हैं। लेकिन सत्या को कबीर पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं होता, इसलिए वह अंकुर को उससे दूर रहने की हिदायत देती है। सत्या का अंकुर के प्रति प्यार और उसकी सुरक्षा की चिंता इस फैसले में साफ झलकती है।
हालांकि सत्या अंकुर को कबीर के साथ बिजनेस ट्रिप पर जाने के लिए राजी हो जाती है। लेकिन जब दोनों एक दूसरे देश में जाते हैं, तो कबीर की पार्टी में ड्रग्स लेने के कारण मुसीबत खड़ी हो जाती है। पुलिस कबीर और अंकुर को गिरफ्तार कर लेती है, और उन्हें ड्रग्स के मामले में फंसा दिया जाता है। उस देश के सख्त कानूनों के चलते, इस मामले में सजा का मतलब था—मौत की सजा।
कबीर के पिता अपने लॉयर यशवंत को भेजते हैं, जो कबीर को सलाह देता है कि वह अंकुर को इस मामले में फंसा दे। हालांकि कबीर पहले इस बात से इनकार कर देता है, लेकिन फिर डर के कारण वह अंकुर को फंसा देता है। इसके बाद अंकुर को पुलिस के सामने कबूल करने के लिए मैनिपुलेट किया जाता है कि ड्रग्स उसके थे, और इसके चलते उसे मौत की सजा सुनाई जाती है।
अपने भाई की सजा के बारे में सुनकर सत्या टूट जाती है। वह हर हाल में अंकुर को बचाना चाहती है, इसलिए वह बड़ी रकम लेकर उस देश में जाती है और कई वकीलों से मिलती है, लेकिन कोई भी अंकुर को बचाने के लिए तैयार नहीं होता।
सत्या की मुलाकात भाटिया से होती है, जो एक गैंगस्टर था और जिसका बेटा भी जेल में बंद था। भाटिया सत्या को जेल ब्रेक का सुझाव देता है। इसके बाद कहानी में मुथु की एंट्री होती है, जो एक पूर्व पुलिस अधिकारी है और निर्दोष को बचाने के लिए अपनी नौकरी छोड़ चुका है। पहले तो मुथु इस काम में शामिल होने से इनकार कर देता है, लेकिन सत्या के साथ हुई फाइट के बाद वह मान जाता है।
मुथु के अनुभव के आधार पर, सत्या, मुथु और भाटिया एक विस्तृत योजना बनाते हैं। इस बीच, जेल में अंकुर कुछ कैदियों के साथ भागने की योजना बनाता है। क्या सत्या अपने भाई को बचाने में कामयाब होती है, या कहानी एक और त्रासदी में बदल जाती है?
इस मूवी की कहानी में थ्रिल और इमोशन का बेहतरीन मिश्रण है जो दर्शकों को बांधे रखता है। सत्या का अपने भाई के प्रति समर्पण, जेल ब्रेक की योजना, और परिवार के भीतर के रिश्तों की जटिलता दर्शकों को एक रोमांचक सफर पर ले जाती है।