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Bhool Bhulaiyaa 3: Release Date, Trailer, Cast, Movie Review & Explanation

Bhool Bhulaiyaa 3: Release Date, Trailer, Cast, Movie Review & Explanation

Bhool Bhulaiyaa 3: Release Date, Cast

Release Date  1 November 2024
Language  Hindi
Genre  Comedy, Horror
Production  T-Series Films
Cinematography  Manu Anand
Writer  Aakash Kaushik

Cast:

 

Director:

Producer:

Music Sandeep Shirodkar, Tanishk Bagchi, Sachet-Parampara, Amaal Mallik, Aditya Rikhari, Lijo George-Dj Chetas
Producer Bhushan Kumar, Krishan Kumar

Movie Story:

आज हम जिस मूवी के बारे में बात करने वाले हैं उस मूवी का नाम है भूल भुलैया 3 और यह भूल भुलैया 3 मूवी इंडिया में 1 नवंबर को रिलीज हुई है और इस मूवी को लेकर सबसे खास बात ये है कि ये मूवी भी एक हॉरर कॉमेडी मूवी है यानी कि ठीक मुंझिल स्त्री मूवीज की तरह ही इस मूवी के अंदर भी हॉरर के साथ-साथ कॉमेडी भी है इसके साथ ही बात करें मूवी की स्टोरी की तो मूवी की स्टोरी भी काफी बढ़िया है|

इस मूवी की स्टार्टिंग होती है कार्तिक आर्यन से और हमें पता लगता है कि इस मूवी के अंदर कार्तिक आर्यन का नाम होता है रूहान रंधावा और कार्तिक आर्यन यानी कि रूहान रंधावा अपनी फैमिली में अकेला होता है यानी कि उसके पेरेंट्स नहीं होते हैं और इसीलिए हम यह देखते हैं कि पैसे कमाने के लिए रूहान दुनिया के सामने एक ढोंगी बाबा का नाटक करता है और वो अपने बाबा का नाम रखता है रूह बाबा और इसके लिए वो बाबा के गेटअप पहनता है और दूसरों के घरों से भूत भगाने का काम शुरू करता है और आत्माओं और भूतों के नाम पर लोगों से पैसे ठगता है| अब रूहान के साथ उसका एक दोस्त भी होता है जिसका नाम होता है टिल्लू और जैसा कि आप सबको ट्रेलर से ही पता होगा कि टिल्लू और कोई नहीं बल्कि छोटे मिया है जो कि अपनी कमाल की एक्टिंग और कॉमेडी की वजह से पहले से ही काफी फेमस है|

अब हम ये देखते हैं कि रूहान और टिल्लू काफी घरों में जाते हैं और भूत प्रेतों के नाम पर लोगों को काफी ठगते हैं और पैसे कमाते हैं और इस तरह से उन दोनों की लाइफ काफी अच्छी चल रही होती है और ये सारी चीजें करके रूहान का यानी कि रूह बाबा का नाम भी काफी फेमस हो चुका होता है लेकिन फिर इसके कुछ दिन बाद हम ये देखते हैं कि रूहान को एक्टर राजेश शर्मा कांटेक्ट करते हैं और वो रूहान और टिल्लू को अपने घर बुलाते हैं जिसके बाद जैसे ही रूहान और टिल्लू उनके घर जाते हैं तब वो उन्हें बताते हैं कि असल में आज से 2 साल पहले उनकी भांजी की रोड एक्सीडेंट में मौत हो गई थी और इसीलिए वो ये चाहते हैं कि रूहान यानी कि रूह बाबा उनकी भांजी की आत्मा को बुलाएं ताकि वो अपनी भांजी से बात कर सके अब ये बात सुनते ही रूहान और टिल्लू अपना ड्रामा शुरू करते हैं और रूहान राजेश शर्मा की भांजी को बुलाने लगता है जिसका नाम होता है मीरा|

अब हम ये देखते हैं कि कुछ ही सेकंड्स के बाद मीरा की आत्मा वहां पर आ जाती है और हम यह जानते हैं कि मीरा और कोई नहीं बल्कि तृप्ति डिमरी है लेकिन यहां पर मीरा को देखकर रूहान काफी ज्यादा डर जाता है और वो डर के मारे चिल्लाने लगता है और फिर इसी टाइम पर हम ये देखते हैं कि राजेश शर्मा रूहान की रिकॉर्डिंग कर लेते हैं और उसके बाद ही मीरा इस बात को डिस्क्लोज करती है कि वो कोई आत्मा नहीं है बल्कि वो एक इंसान है जो कि अभी भी जिंदा है और असल में ये सब उसने और उसके मामा ने मिलकर किया था ताकि वो रूहान का यानी कि रूह बाबा का झूठ सामने ला सके |

अब ये सब सुनने के बाद रूहान उनसे कहता है कि आखिरकार वो लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं जो सुनकर मीरा रूहान से कहती है कि असल में वो रूहान से अपना एक काम करवाना चाहती है और अगर रूहान ने मीरा के कहने पर उसका वो काम कर दिया तो वो रूहान को पूरे ₹1करोड़ देगी और अगर रूहान ने उसका काम करने से मना किया तो वो उसके बनाए हुए इस वीडियो को सोशल मीडिया पर डाल देगी जिसके बाद शहर के सारे लोगों को ये पता लग जाएगा कि रूह बाबा एक ढोंगी है जो कि सबको ठगता है और अगर ऐसा हुआ तो रूहान का धंधा पानी बंद हो जाएगा |

अब ये सब जानने के बाद ही रूहान के पास कोई ऑप्शन नहीं होता है और इसलिए वो ये सोचता है कि उसे मीरा का साथ देना चाहिए और उसकी बात माननी चाहिए क्योंकि वैसे भी मीरा की बात मानकर उसे ₹1करोड़ मिलेंगे अब इसके लिए रूहान राजी हो जाता है जिसके बाद ही मीरा और उसके मामा रूहान को लेकर अपने गांव जाते हैं मीरा के गांव आने पर हमें ये पता लगता है कि असल में मीरा जिस गांव से आती है उस गांव का नाम है रक्त घाट और ये रक्त घाट एक किंगडम है जहां पर आज भी राजाओं का शासन है लेकिन यहां पर हम ये देखते हैं कि जब मीरा और उसके मामा रूहान को लेकर आते हैं तो सारा गांव मिलकर रूहान को घूरने लगता है और सभी लोग आपस में कहने लगते हैं कि ये वही है ये वही है ये सारी चीजें रूहान को काफी अजीब लगती है लेकिन वो इस बात को इग्नोर करता है और वो मीरा के साथ उसके घर जाता है|

मीरा जब रोहान को घर लेकर आती है तब रोहान ये देखता है कि मीरा इसी राज्य के महल में रहती है और इसीलिए रोहान को ये जानकर काफी खुशी होती है यहां पर मीरा रूहान को ये बताती है कि वो असल में इस किंगडम की राजकुमारी है और उसके जो फादर है वो यहां के राजा हैं यानी कि वो और उसकी फैमिली इस किंगडम को रूल करते हैं और ये राजमहल भी उनकी फैमिली का ही है लेकिन मीरा उसे बताती है कि वो असल में राजमहल में नहीं रहते हैं बल्कि राजमहल पूरा खाली पढ़ा है और वो और उसकी पूरी फैमिली राज महल के सामने वाले तबेले में रहते हैं|

अब जब रूहान तबेले के अंदर आता है तब वो मीरा की फैमिली से मिलता है और हमें पता लगता है कि उसकी फैमिली के अंदर मीरा के फादर यानी कि राजा साहब होते हैं जो कि एक्चुअल में एक्टर विजय राज है साथ ही मीरा का छोटा भाई होता है और मीरा की मामी भी होती है और रूहान यहां पर ये देखता है कि एक रॉयल फैमिली होने के बाद भी मीरा और उसकी फैमिली बहुत बुरी हालत में रहते हैं और इसीलिए रूहान यहां पर मीरा से ही बोलता है कि तुम्हारे पास तो खाने तक के पैसे नहीं है तो आखिरकार तुम यहां पर मुझे किस काम के लिए लेकर आई हो और उससे भी बड़ी बात तुम आखिरकार मुझे ₹1 करोड़ कैसे दोगी यह सब सुनने के बाद मीरा उसे कहती है कि वो और उसकी पूरी फैमिली इस सामने वाले राजमहल के मालिक हैं और वो इस राजमहल को बेचना चाहती है इसीलिए जैसे राजमहल बिकता है वैसे ही वो उन्हीं पैसों में से रूहान को भी 1 करोड़ देगी लेकिन आगे मीरा ही बताती है कि राजमहल को बेचना आसान नहीं है और सिर्फ रूहान ही ऐसा आदमी है जिसके कि एक काम को करने के बाद ही राजमहल बिक पाएगा|

अब इसके बाद ही मीरा रूहान को अपने राज पुरोहित से मिलाती है जो राज पुरोहित किंगडम के मुख्य पंडित होते हैं यहां पर इस किंगडम का राज पुरोहित जैसे ही रूहान को देखता है वैसे ही वो भी रूहान को देखकर कहने लगता है कि आप आ गए आखिरकार आप आ गए ये सुनकर भी रूहान चौक जाता है और वो राज पुरोहित से कहता है कि आखिरकार आप किस बारे में बात कर रहे हैं अब यह बात सुनकर राज पुरोहित मीरा और रूहान को राजमहल के अंदर लेकर आता है और अंदर आकर वो रूहान को एक पेंटिंग दिखाता है लेकिन इस पेंटिंग के अंदर रूहान ये देखता है कि वो पेंटिंग असलियत में उसी की होती है और इसीलिए अब रूहान बहुत ज्यादा कंफ्यूज हो जाता है और वो राजपुरोहित से पूछता है कि आखिरकार ये सब क्या चल रहा है अब ये सुनकर राजपुरोहित रूहान को स्टोरी बताता है|

वो रूहान को बताता है कि आज से 200 साल पहले यह पूरा राज्य काफी ज्यादा सुखी और खुशहाल था और इस राज्य पर उस समय के राजा का शासन था उस राजा की एक बेटी भी थी जिसका नाम था मंजुलिका और राजा की वो बेटी यानी कि मंजूलिका हर एक चीज में बहुत अच्छी थी जैसे कि वो पढ़ाई में बहुत विद्वान थी वो बहुत बुद्धिमान थी उसे हर तरह के हथियार चलाने आते थे और यहां तक कि उसे राज्य के
ऊपर शासन करना भी आता था और इसीलिए जब मंजूलिका सिर्फ12 साल की थी तब से उसे ऐसा लगने लगा कि आगे चलकर वही इस राज्य को संभालेगी लेकिन उसके बाद राजा ने एक दासी से एक पुत्र पैदा किया और जैसे ही राजा का पुत्र पैदा हुआ वैसे ही राजा उनसे बहुत प्यार करने लगे पर यह देखकर मंजूलिका को बहुत गुस्सा आया और इसीलिए वो अपने छोटे भाई से जलने लगी क्योंकि राजा यानी कि उसके पिता सारा प्रेम अपने बेटे को करते थे और उसे राज्य का उत्तराधिकार भी मानते थे लेकिन तब भी मंजुलिका को थोड़ी सी संतुष्टि थी क्योंकि वो ऐसा सोचती थी कि उसका जो भाई है यानी कि राजा का बेटा वो असलियत में दासी का भी बेटा है और शायद इसीलिए उसके पिता उसके भाई को कभी भी राजा नहीं बनाएंगे जिस वजह से यह राज्य मंजुलिका का होगा|

लेकिन जब मंजुलिका और उसका भाई जवान हो गए तब राजा ने अपना उत्तराधिकारी अपने बेटे को बनाया और उन्होंने अपने बेटे को ही नया राजा घोषित कर दिया अब ये देखकर मंजूलिका के गुस्से का ठिकाना नहीं रहा और इसीलिए मंजूलिका उसी रात को अपने भाई के कमरे में गई और उसने एक चाकू से अपने भाई की हत्या कर दी जिस वजह से राजा का बेटा मारा गया लेकिन राजा को जैसे ही ये पता लगा कि मंजू मलिका ने उनके बेटे को मार दिया है तब यह जानकर राजा को भी बहुत गुस्सा आया और इसीलिए राजा ने मंजुलिका को मृत्युदंड दिया इसीलिए राज्य की सेना ने मंजुलिका को पकड़कर उसे राज महल के अंदर ही जलाकर मार दिया लेकिन मरने के बाद मंजूलिका काफी पावरफुल आत्मा बन गई और इसीलिए आत्मा बनने के बाद मंजूलिका ने अपने पिता को यानी कि राज्य के राजा को मार दिया लेकिन यह देखकर उस समय के जो राज पुरोहित थे उन सभी ने मंजुलिका की आत्मा को रोकने का विचार किया ताकि वो और किसी को नुकसान ना पहुंचा सके |

फिर इसके लिए एक बहुत ही बड़ा यज्ञ किया गया और उस यज्ञ से एक पावरफुल तेल को तैयार किया गया एक ऐसा तेल जिससे कि मंजूलिका की आत्मा को कमजोर किया जा सके और फिर उसी तेल की मदद से मंजुलिका की आत्मा को एक कमरे के अंदर कैद कर दिया गया और सिद्धियों का इस्तेमाल करके उस कमरे को लॉक कर दिया गया ताकि मंजुलिका की आत्मा अपने आप कमरे से कभी बाहर ना आ सके और अब मंजूलिका की वही आत्मा इस राज महल के कमरे के अंदर कैद है वो भी पूरे 200 सालों से लेकिन कमरे में कैद होने के बाद भी उसने राजमहल में किसी को सही से रहने नहीं दिया और अब क्योंकि राजमहल में रहने वाले लोगों को जान का खतरा महसूस हुआ इसीलिए नए राजा और उनकी फैमिलीज ने तबेले में रहना शुरू कर दिया और इसीलिए तब से राजमहल खाली पड़ा हुआ है |

अब ये पूरी स्टोरी बताने के बाद ही जो राज पुरोहित होता है वो रूहान से कहता है कि असल में उसके जो पूर्वज थे यानी कि उस समय के राज पुरोहित उन्होंने उस समय पर एक भविष्यवाणी की थी और उन्होंने भविष्यवाणी में यह कहा था कि इस राज महल के अंदर जो आत्मा कैद है उसे मुक्ति दिलाने के लिए इसी राज महल से कोई फिर से जन्म लेगा और जब वो पुनर्जन्म लेकर आएगा तभी वो आत्मा को मुक्त करके इस पूरे राज्य में शांति लाएगा और उसका यानी कि राजपुरोहित का यह मानना है कि रूहान उसी समय के राजकुमार का पुनर्जन्म है जो कि अब मंजूलिका की आत्मा को मुक्त करेगा लेकिन इसी के आगे राजपुरोहित उससे कहता है कि यह काम डायरेक्ट नहीं हो सकता है क्योंकि ऐसा करने के लिए एक विधि को करना जरूरी है और वो विधि सिर्फ दुर्गा अष्टमी पर होती है और दुर्गाष्टमी आने वाले कुछ दिनों बाद है इसीलिए दुर्गाष्टमी वाले दिन वो लोग यज्ञ करेंगे जिसमें यज्ञ पूरा होने के बाद ही जो रूहान है वो राज महल के उस द्वार को खोलकर मंजुलिका की आत्मा को मुक्त करेगा अब ये सब बोलने के बाद ही राज पुरोहित वहां से चला जाता है|

अब राजपुरोहित जैसे ही वहां से जाता है वैसे ही रूहान मीरा से कहता है कि उसे राज पुरोहित की बाते सुनकर बहुत ज्यादा डर लग रहा है और वो यहां पर किसी भी आत्मा से लड़ने वाला नहीं है पर ये सुनकर मीरा रूहान से कहती है कि असल में उसे डरने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वो ये जानती है कि आत्मा जैसी कोई चीज नहीं होती है और इसीलिए उसका बस चले तो वो उस कमरे को अभी खोल दे लेकिन वो ऐसा इसलिए नहीं कर रही है क्योंकि उसके घर वालों ने उसे कसम दी है कि वो उस दरवाजे को कभी नहीं खोलेगी और इसके लिए मीरा रूहान से कहती है कि अब तक जो भी हुआ है सब मेरे प्लान के हिसाब से हुआ है और इसीलिए अब कुछ ही दिन में जैसे ही दुर्गाष्टमी आएगी वैसे ही उसी दिन तुम सिंपली जाकर उस द्वार को खोल देना जिसके बाद ही सारे गांव के मन से ये वहम उतर जाएगा कि यहां से आत्मा जा चुकी है|

और फिर उसके बाद ही मैं इस महल को आराम से बेच दूंगी और हम यहां पर ये देखते हैं कि रूहान भी मीरा की बात मान लेता है |
अब मीरा के कहने पर उसकी पूरी फैमिली फिर से राजमहल में शिफ्ट हो जाती है क्योंकि सबको ये भरोसा होता है कि जो रूहान है वो उन सबको आत्मा से बचा कर रखेगा इसके साथ ही अब मीरा की फैमिली को लोन भी मिलने लगता है और इसीलिए वो लोग लोगों से उधार पैसे लेकर आते हैं और इसी लिए उनकी लाइफ भी पहले से काफी अच्छी हो जाती है अब इन सब के बाद ही हम ये देखते हैं कि पूरा गांव रूहान से काफी खुश होता है और पूरा गांव मिलकर रूहान को राजकुमार मानने लगता है |

लेकिन फिर यहीं पर ही मूवी में एंट्री होती है छोटे पंडित बड़े पंडित और बड़े पंडित की वाइफ की और इनका किरदार बिल्कुल भूल भुलैया 2 जैसा ही होता है ये तीनों जब रूहान से मिलते हैं तब वो तीनों रूहान को झूठा बोलने लगते हैं और वो सारे गांव से कहते हैं कि रूहान कोई भी पुनर्जन्म नहीं है बल्कि एक ढोंगी है लेकिन हम ये देखते हैं कि गांव का कोई भी आदमी उनकी बात नहीं मानता है और रूहान भी उन तीनों के सामने थोड़ी सी एक्टिंग करता है और वो उन तीनों से कहता है कि मुझे ये याद आ रहा है कि मेरे पिछले जन्म में तुम तीनों मेंरे नौकर थे इसीलिए अब इस जन्म में भी तुम तीनों मिलकर मेरे घर में नौकर बन के काम करोगे जिसके बाद हम ये देखते हैं कि वो तीनों भी राज महल में आकर काम करने लगते हैं|

इन सबके बाद हम ये देखते हैं कि राज महल के अंदर जो मंजूलिका का कमरा होता है वहां पर जोर-जोर से हवा चलने लगती है और इसीलिए उस रात तेज हवा की वजह से वो गेट अपने आप ही खुल जाता है और हमें ऐसा दिखाया जाता है कि मंजूलिका की आत्मा आजाद हो चुकी है अब इसके अगले दिन जब सुबह होती है तब हम ये देखते हैं कि रूहान मीरा और उसकी फैमिली के सारे लोग घर में बैठ के खाना खा रहे होते हैं फिर उसी टाइम पर राज महल के अंदर विद्याबलन की एंट्री होती है और हमें ऐसा ऐसा दिखाया जाता है कि विद्या बालन मंजूलिका है अब विद्या बालन जब यहां पर आती है तब वो उनसे अपना नाम मलिका बताती है और वो पूरी फैमिली को ये बताती है कि वो असल में क्राउन हेरिटेज रजिस्ट्रेशन से आई है जो कि असल में हेरिटेज बिल्डिंग्स का इंस्पेक्शन करके उनका रजिस्ट्रेशन करती है और फिर ये सुनकर मीरा सभी से कहती है कि असल में उसी ने क्राउन हेरिटेज में फोन करके किसी को यहां पर आने के लिए बोला था और शायद मल्लिका यानी कि विद्याबलन इसी काम से यहां पर आई है |

अब विद्याबलन के आने के बाद से हम ये देखने लगते हैं कि हर रात को महल के अंदर कार्तिक आर्यन को कोई आत्मा दिखने लगती है एक ऐसी काली परछाई जो कि उसे परेशान करती है और साथ ही साथ उसे कई सारी आवाजें भी सुनाई देती है और इसीलिए इन सबसे डरकर अगले दिन कार्तिक आर्यन वहां से जाने लगता है लेकिन कार्तिक जैसे ही महल के द्वार पर आता है वैसे ही वो ये देखता है कि उसका दोस्त टिल्लू भी वहां पर आ चुका है और यहां पर टिल्लू उससे कहता है कि असल में उन्होंने कुछ टाइम पहले जिस क्लाइंट को चूना लगाया था वो क्लाइंट एक एसीपी का भाई है और इसलिए वो एसीपी उन सबको पकड़ने के लिए ढूंढ रहा है इसीलिए वो भी छुपते छुपाते वहां पर आ चुका है अब टिल्लू की बात सुनते ही रूहान ये समझ जाता है कि अब वो इस महल से बाहर भी नहीं भाग सकता है क्योंकि अगर वो बाहर जाएगा तो उसे वो एसीपी जिसका नाम एसीपी राठौर है वो पकड़ के जेल में डाल देगा इसीलिए अब उसको और टिल्लू को राजमहल के अंदर ही रहना पड़ेगा|

लेकिन अब जैसी रात होती है वैसे रूहान मीरा से मिलता है यहां पर भी वो नोटिस करता है कि महल के अंदर काफी अजीब अजीब चीजें हो रही हैं जैसे कि इस रात को भी उन दोनों को कोई काला साया दिखता है और उन्हें कई सारी अजीब आवाजें आती हैं और सिर्फ यही नहीं बल्कि जब वो मंजुलिका के कमरे के पास पहुंचते हैं तब वो ये देखते हैं कि कमरा खुला हुआ है और उस कमरे के अंदर कोई काला साया खड़ा है इसीलिए उसे देखकर उन दोनों को काफी डर लगता है लेकिन फिर इसी टाइम पर हम ये देखते हैं कि विद्या बालन उन दोनों के पास आती है और वो उन दोनों को लेकर सीधा मंजूलिका के कमरे में एंटर होती है और जो काला साया कमरे में उनके सामने खड़ा होता है विद्या वालन उसे चाटा मार के उसका मास्क हटा देती है|

जिसके बाद हमें पता लगता है कि वो और कोई नहीं बल्कि बड़े पंडित की वाइफ है एंड फिर इसके बाद ही बड़ा पंडित और छोटा पंडित भी वहां पर आते हैं और फिर इस तरह से रूहान और मीरा को ये पता लगता है कि असल में ये जो मंजुलिका का कमरा है ये पहले से ही खुला हुआ है और यही तीनों मिलकर कुछ टाइम से सबको डरा रहे हैं रूहान उनसे ये पूछता है कि आखिरकार ये सब क्या चल रहा है और वो लोग ऐसा क्यों कर रहे हैं जिस पर वो तीनों रूहान को और मीरा को ये बताते हैं कि असल में आज से 2 साल पहले जब वो लोग इस महल के अंदर आए थे तब उन्होंने देखा था कि मंजुलिका का कमरा हवा से खुल चुका है लेकिन कमरा खुलने के बाद भी कुछ भी नहीं हुआ था और इसीलिए उन्हें ये समझ में आ गया कि इस कमरे के अंदर कोई आत्मा कैद नहीं थी यानी कि सबको झूठी कहानी सुना कर डराया गया है |

लेकिन यह बात जानने के बाद ही उन्होंने किसी को भी सच्चाई नहीं बताई बल्कि उन्होंने सोचा कि उन्हें इस बात का फायदा उठाना चाहिए और सबको डरा कर रखना चाहिए ताकि वो लोग इस महल में आजादी से रह सके और कोई भी महल के अंदर ना आए लेकिन अभी से कुछ दिन पहले रूहान यहां पर आ गया जिस वजह से सबके मन के अंदर से मंजुलिका के कमरे का डर निकल गया और इसीलिए कुछ दिनों से वही लोग रूहान को डरा रहे थे ताकि रूहान मंजुलिका को सच मान ले और यहां से भाग जाए जिसके बाद ही सारे गांव के मन में फिर से मंजुलिका का डर आ जाए ताकि महल में कोई ना आए और वो तीनों महल में ऐश करते रहे लेकिन अब असल में उन तीनों का भांडा फूट चुका है पर इसके साथ ही रूहान और मीरा को भी ये पता लग जाता कि इस कमरे के अंदर कोई आत्मा नहीं थी इस कमरे को सिर्फ डराने के लिए रखा गया था|

अब इसके लिए रूहान और मीरा अगले दिन सारे गांव को इकट्ठा करते हैं और रूहान सबके सामने झूठ मोट का उस कमरे को खोल देता है और सबको ये बिलीव करवाता है कि उसने मंजूलिका की आत्मा को भगा दिया है जिसके बाद से हम ये देखते हैं कि सारा गांव काफी खुश हो जाता है लेकिन फिर इसके बाद ही गांव का पुरोहित वहां पर आता है और वो रूहान से ये कहता है कि आखिरकार उसने कमरा क्यों खोल दिया ये सुनकर रूहान और मीरा उसे बताते हैं कि असल में वो कमरा तो आज से 2 साल पहले ही खुल गया था और उन्हें भी अब ये पता चल चुका है कि उस कमरे के अंदर कोई आत्मा नहीं थी अब ये बात सुनकर राजपुरोहित को भी कुछ भी समझ नहीं आता है लेकिन फिर इसी टाइम पर हम हम ये देखते हैं कि राज महल के अंदर कुछ कंस्ट्रक्शन का काम चल रहा होता है और इसीलिए दो मजदूर मिलकर जैसे एक दीवार पर हथौड़ा मारते हैं वैसे ही वो पूरी दीवार गिर जाती है और हमें दिखता है कि उस दीवार के पीछे एक सुरंग बनी हुई है |

अब घर वालों को जैसे सुरंग का पता लगता है वैसे ही रूहान मीरा राज पुरोहित और घर के कुछ मेन लोग उस सुरंग के अंदर जाते हैं और जब वो सुरंग में होते हुए नीचे आ जाते हैं तब वो लोग ये देखते हैं कि वहां पर भी एक कमरा बना हुआ है और इस वाले कमरे के गेट को भी बिल्कुल वैसे ही लॉक किया जाता है जैसे मंजुलिका के कमरे को किया गया था यानी कि इस दरवाजे पर भी काफी सारी सिद्धियां होती है अब ये गेट देखकर राजपुरोहित को भी कुछ भी समझ नहीं आता है और इसीलिए वो रूहान और मीरा से कहता है कि उसके पास उसके पूर्वजों की कई सारी किताबें हैं इसीलिए वो अपने घर जाकर उन किताबों को पढ़ेगा और फिर वो ये पता करेगा कि आखिरकार ये कमरा क्यों है और इसके अंदर क्या है अब ये बोलकर राजपुरोहित उस कमरे के बारे में जानने के लिए निकल जाता है लेकिन उसके पीछे से हम ये देखते हैं कि रूहान और मीरा मिलकर उस दरवाजे को खोल देते हैं लेकिन ये दरवाजा जैसे ही खुलता है वैसे ही सब तरफ बहुत तेज आंधी आ जाती है और ऐसा फील होता है कि कुछ तो बहुत बुरा हो गया है इधर दूसरी साइड हम ये देखते हैं कि राजपुरोहित भी किताब में पढ़ के उसके बारे में सब कुछ जान जाता है लेकिन इसी टाइम पर उसे भी ये फील होता है कि शायद से कुछ तो बहुत गलत हुआ है |

इसलिए वो जल्दी से राजमहल जाता है और वो ये देखता है कि रूहान ने उस दरवाजे को भी खोल दिया है लेकिन राजपुरोहित ये देखकर काफी गुस्सा होता है वो रूहान से कहता है कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए था क्योंकि उन्होंने अभी अपने पूर्वजों की किताब में पढ़ा है कि असल में राजा की एक बेटी नहीं बल्कि दो बेटियां थी यानी कि मंजुलिका की एक बड़ी बहन भी थी जिसका नाम था अंजोलिका और अंजोलिका और मंजुलिका दो बहनें थी लेकिन अंजलिका के बारे में ज्यादा कोई भी नहीं जानता है यहां तक कि वो भी उसके बारे में नहीं जानता था और उसे भी उसके बारे में सिर्फ किताब को पढ़ के पता लगा अब इसके कुछ टाइम बाद ही हम ये देखते हैं कि इसी रात को महल के बाहर माधुरी दीक्षित खड़ी होती है और हमें ये फील हो जाता है कि माधुरी दीक्षित अंजोलिका है और अब इस तरह से दोनों बहनों की एंट्री हो चुकी है|

विद्या बालन मंजुलिका और माधुरी दीक्षित अंजोलिका इसके बाद ही माधुरी दीक्षित अंदर आती है और वो पूरे परिवार से मिलकर ये बताती है कि वो असल में एक काफी रिच लेडी है और वो इस पूरे महल को यहां पर खरीदने आई है लेकिन वो इस महल को खरीदने से पहले इस महल के अंदर कुछ दिन रहेगी महल को पूरी तरह से देखेगी जानेगी एंड फिर डील करेगी और हम ये देखते हैं कि इसके लिए परिवार वाले राजी हो जाते हैं लेकिन अब घर के अंदर मंजुलिका और अंजोलिका जैसी प्रेजेंट होती है वैसी हम ये देखते हैं कि वो दोनों अकेले में एक दूसरे का गला दबाने लगती हैं पर कुछ टाइम बाद ही वो दोनों एक दूसरे का गला छोड़ती है और चली जाती हैं |

अब इन दोनों के यहां पर आने के बाद ही काफी अजीब अजीब घटनाएं होने लगती जैसे कि एक दिन रूहान और मीरा मिलकर अंजलिका को यानी कि माधुरी दीक्षित को जब मंदिर ले जा रहे होते हैं तब वो उन दोनों से कहती है कि वो मंदिर के अंदर नहीं जाती है और ये बोलकर वो उन दोनों पर चिल्लाने लगती है इसके साथ ही हम ये भी देखते हैं कि इसी महल को खरीदने के लिए एक और आदमी आता है जिस आदमी का नाम होता है विक्की खन्ना पर उस आदमी को देखकर मंजुलिका को यानी कि विद्या पालन को बहुत गुस्सा आता है इसीलिए वो अकेले में खुद से चिल्लाते हुए कहती है कि चाहे कुछ भी हो जाए वो उसे इस महल को नहीं खरीदने देगी और फिर उसी रात को हम ये देखते हैं कि मंजूलिका की आत्मा विक्की खन्ना को जान से मार देती है|

अब ये सारी अजीब घटनाएं देखकर रूहान और मीरा को ये शक होने लगता है कि शायद से विद्या पलन और माधुरी दीक्षित दोनों ही स्पिरिट्स हैं और अब इसके लिए रूहान और मीरा मिलकर पूरे परिवार को इस बारे में बता देते हैं जिसके बाद से ही पूरे परिवार को भी ये शक हो जाता है कि शायद से माधुरी दीक्षित और विद्या पलन शायद से भूतनी है अब इसके लिए रूहान और मीरा राज पुरोहित को राजमहल बुलाते हैं और उन्हें ये सारी बातें बताते हैं फिर बातों को सुनकर राजपुरोहित उनसे कहता है कि उसके पूर्वजों ने भविष्यवाणी की थी कि इस महल के अंदर आत्मा है और इसीलिए उसे भी ये बिलीव है कि वो आत्मा विद्याबलन या फिर माधुरी दीक्षित में से कोई एक है और फिर इसीलिए वो राजपुरोहित रूहान से ही कहता है कि मैं भी इस बारे में पहले से ही सोच रहा था और इसीलिए मेरे पूर्वजों ने जो तेल बनाया था उस तेल को मैंने भी तैयार कर लिया है और किस्मत से आज ही दुर्गाष्टमी है और इसीलिए राजपुरोहित रूहान से कहता है कि अब आपको आज रात को इस तेल का इस्तेमाल करके उस आत्मा को मुक्त करना होगा |

अब इन सारी बातों को सुनने के बाद ही रूहान सबसे कहता है कि कहानी के हिसाब से बुरी आत्मा सिर्फ एक ही है और वही आत्मा है जो कि इस पूरे राज्य का बुरा चाहती है एंड वो आत्मा है मंजूलिका की आत्मा और अब क्योंकि उसे और घर वालों को यह नहीं पता है कि विद्याबलन और माधुरी में से मंजुलिका कौन है इसीलिए असली मंजुलिका को ढूंढने और उसे हराने में उन लोगों को तकलीफ हो सकती है लेकिन फिर यहीं पर ही मीरा सबको ही बताती है कि असल में कुछ टाइम पहले उसे सफाई करने के दौरान ही एक पेंटिंग मिली थी जिस पेंटिंग पर मंजुलिका का नाम लिखा था |

लेकिन मंजुलिका की पेंटिंग में जैसे वो चेहरा देखने गई थी वैसे ही विद्या वाले ने वहां पर आकर उस पर पेंट गिरा दिया जिस वजह से वो उस पोस्टर में मंजूलिका का चेहरा नहीं देख पाई लेकिन मीरा ही बताती है कि उसने उस पेंटिंग को केमिकल से साफ करने के लिए भेजा है और इसीलिए कुछ ही टाइम में उस पेंटिंग की असली फोटो उन सबके सामने मिल जाएगी और जैसे उसके फोन पे उस पेंटिंग की फोटो आएगी वैसे ही उन्हें ये पता लग जाएगा कि असली मंजूलिका कौन है अब इसके बाद ही वो सब लोग रात का वेट करने लगते हैं और रात होते ही हम ये देखते हैं कि विद्याबलन और दीक्षित दोनों फैमिली वालों के पास आ जाते हैं|

लेकिन फिर इसी टाइम पर मीरा के फोन में मंजुलिका की फोटो आती है और फिर पूरा परिवार ये देखता है कि असली मंजुलिका विद्या बालन है लेकिन जैसे ही वो लोग फोटो देखते हैं वैसे ही हम ये देखते हैं कि विद्या बालन हवा में उड़ने लगती है और वो सीधा माधुरी दीक्षित की चोटी पकड़ती है और उसे लेकर ऊपर चढ़ जाती है और फिर वो उसे रगड़ते हुए सीधा नीचे लेकर आती है लेकिन फिर ये देखकर रूहान उसे बचाने जाता है क्योंकि अब रूहान को ये पता होता है कि विद्याबलन ही मंजूलिका है और इसीलिए वो विद्याबलन से फाइट करते हुए उसके आसपास तेल बिखेर देता है जिस वजह से विद्याबलन के चारों तरफ आग जलने लगती है और वो वहां पर कैद हो जाती है और फिर सही टाइम देकर उस गोले से बाहर आ जाता है जिसके बाद विद्याबलन अकेले उसमें फंस जाती है लेकिन फिर इसके बाद ही हम ये देखते हैं कि विद्याबलन नॉर्मल रिएक्ट करने लगती है और वो सभी से कहती है बचाओ मुझे बचाओ और फिर इसके अगले पल हम ये देखते हैं कि कुछ टाइम पहले जैसा विद्याबलन रिएक्ट करी थी वैसा अब माधुरी दीक्षित रिएक्ट करती है|

अब वो हवा में उड़ने लगती है वो सबसे कहती है कि आज वो सबको खत्म कर देगी और इसी टाइम पर हम ये देखते हैं कि विद्याबलन भी अपने आग के गोले से बाहर आ जाती है अब ये सब देखकर रूहान को काफी कंफ्यूजन होता है लेकिन वो तब भी माधुरी को रोकने जाता है और वो इस बार उसके चारों तरफ गोला बनाने लगता है लेकिन इस बार विद्या पलन उसे रोक देती है और वो रूहान से कहती है कि उसे ऐसा नहीं करना चाहिए अब रूहान को रोककर विद्याबलन माधुरी के पास आती है और वो माधुरी से ये बोलती है कि अब कोई समझे या फिर ना समझे लेकिन मैं तुम्हारी असलियत जान चुकी हूं और इसीलिए अब तुम जो भी हो वो बाहर निकलो और सबके सामने आओ अब उसके ऐसा बोलने के बाद ही हम ये देखते हैं कि माधुरी की बॉडी से एक स्पिरिट बाहर आती है और हमें पता लगता है कि यही मंजुलिका की स्पिरिट है

हमें ये सारी चीजें क्लियर होती है कि असलियत में ना तो विद्याबलन स्पिरिट थी ना ही माधुरी दीक्षित बल्कि स्पिरिट तो कोई और ही थी जो कि टाइम टाइम पर विद्या वालन और माधुरी की बॉडी को पोजेस कर रहे थे और उनसे गलत काम करवा रहे थे बिल्कुल वैसे ही जैसे उन्होंने अभी इन दोनों से करवाया था और इसीलिए सबको ऐसा फील हो रहा था कि स्पिरिट विद्याबलन या फिर माधुरी में से कोई एक है लेकिन अब ये क्लियर होता है कि स्पिरिट कोई और ही है बट यहां पर पूरी फैमिली ये देखती है कि जो असली मंजुलिका की स्पिरिट है उसके चेहरे पर एक मास्क होता है वो भी काले रंग का और इसीलिए सभी उससे कहते हैं कि तुम अपने चेहरे का मास्क हटाओ और हमें
दिखाओ कि तुम आखिरकार कैसे दिखते हो अब इसके बाद ही मंजूलिका की स्पिरिट जैसे अपना मास्क हटाती है वैसे ही उसका चेहरा देखकर सारे लोग शॉक हो जाते हैं क्योंकि असलियत में वो स्पिरिट ना तो मंजुलिका की होती है ना ही अंजलिका की बल्कि एक्चुअल में वो स्पिरिट होती है राजकुमार की यानी कि कार्तिक आर्यन की |

अब राजकुमार का चेहरा देखकर सभी लोग दंग रह जाते हैं लेकिन फिर यहीं पर ही राजकुमार सबको अपनी स्टोरी बताता है राजकुमार सभी से कहता है कि आज से 200 साल पहले उसके पिता इस पूरे राज्य के राजा थे और उसके साथ उसके परिवार में उसकी दो बड़ी बहनें भी थी जो कि थी अंजोलिका और मंजुलिका लेकिन राजा अंजोलिका और मंजुलिका को छोड़कर अपने बेटे को राजा बनाते हैं और इसीलिए अंजोलिका और मंजुलिका को बहुत गुस्सा आता है एंड वो दोनों मिलकर राजकुमार को मारने का डिसाइड करते हैं और इसीलिए उसी रात वो दोनों राजकुमार के कमरे में जाते हैं ताकि वो राजकुमार को चाकू से मार दें लेकिन जब वो दोनों राजकुमार के कमरे में पहुंचते हैं तब वो दोनों बाहर से ये देखते हैं कि राजकुमार एक लड़की की तरह साथ सवर रहा है वो अपने लंबे बालों को कंघी कर रहा है आंखों में काजल लगा रहा है लिपस्टिक लगा रहा है और हाथों में चूड़ियां और पैरों में पायल पहन रहा है ये देखकर मंजुलिका और अंजलिका को हंसी आने लगती है और इसीलिए वो दोनों जाकर उससे मिलते हैं उन्हें वहां देखकर राजकुमार डर जाता है और वो अपनी उन दोनों बहनों से कहता है कि वो इस बारे में पिताजी को ना बताएं जो सुनकर अंजोलिका और मंजूलिका अपने भाई से कहती है कि वो इस बारे में किसी को नहीं बताएंगे इसके बाद राजकुमार उन दोनों से कहता है कि वो बाहर से तो एक लड़का है लेकिन वो अंदर से एक लड़की है और इसीलिए ही वो ये सब करता है|

इसके साथ ही वो ये भी कहता है कि उसे राजा भी नहीं बनना है बल्कि वो तो ये चाहता है कि वो बस इन सब में ही खुश रहे और राजपाट का सारा काम उसकी बहने ही संभाले इसके साथ ही राजकुमार उन दोनों को ये भी बताता है कि उसे इन घुंघरु को पहनकर नाचने का भी बहुत शौक है और नाचना उसे बहुत अच्छा लगता है अब इसके बाद ही अंजोलिका और मंजुलिका प्लान बनाती हैं और वो दोनों अपने भाई से कहती हैं कि अगर उसे नाचना है तो वो नाच सकता है वो इस बारे में पिताजी को कुछ नहीं बताएंगे और फिर इसके बाद ही हम ये देखते हैं कि वो दोनों मिलकर राजकुमार को नचाने लगते हैं लेकिन फिर इसी मौके का फायदा उठाकर मंजूलिका सीधा अपने पिता के पास जाती है जो कि इस टाइम पर सभा में बैठे होते हैं और वहां पर चिल्लाकर अपने पिता को ये बताती है कि आपने जिस बेटे को राजा बनाया वो असलियत में  एक लड़की है और अगर उन्हें यकीन नहीं होता है तो वो खुद ही देख सकते हैं |

इसके बाद ही राजा और सारे मंत्री लोग राजकुमार के पास आते हैं जहां पर राजा अपनी आंखों से देखता है कि राजकुमार लड़कियों वाले काम कर रहा है और इसीलिए ये देखकर राजा को बहुत क्रोध आता है एंड इसीलिए राजा अपनी सेना से कहता है कि उसके बेटे को मृत्यु दंड दिया जाए और उसे जलाकर मार दिया जाए जिसके बाद ही हम ये देखते हैं कि राजकुमार को जिंदा जलाकर मार दिया जाता है और फिर यहां से हमें पता लगता है कि सालों पहले जलाकर मंजूलिका को नहीं मारा गया था बल्कि जलाकर राजकुमार को मारा गया था लेकिन राजकुमार को मृत्यु दंड देने के साथ ही राजा अपनी दोनों बेटियों से बोलता है कि अगर तुम चाहती तो मुझे ये बात अकेले में भी बता सकती थी लेकिन तब भी तुम दोनों ने शासन के लालच में ये सारी बातें सभा के बीच में बताई और इस राज्य के राजकुमार की असलियत सबके सामने रख दी जिस वजह से मेरी सारी इज्जत टूब गई है और फिर इसीलिए राजा अपनी दोनों बेटियों को सजा देते हुए कहता है कि आज से मंजुलिका को अपने भाई का हत्यारा माना जाएगा और सिर्फ ये नहीं बल्कि जो अंजोलिका है उसे राजा अपने राज्य से निकाल देता है एंड सभी से कहता है कि अब जो इतिहास लिखा जाएगा उसके अंदर अंजलिका का नाम ही नहीं होगा बल्कि वो ये चाहता है कि अंजलिका को इतिहास से भुला दिया जाए|

हालांकि ये सब होने के बाद हम ये देखते हैं कि जो राजकुमार होता है वो मरने के बाद आत्मा बन जाता है और इसलिए बदला लेने के लिए वो सबसे पहले राजा को मार देता है जिसके बाद जो राजपुरोहित यज्ञ करते हैं वो असलियत में राजकुमार की आत्मा को कैद करने के लिए करते हैं और इसीलिए जब उनका यज्ञ पूरा होता है तब वो उसी नीचे तहकाने वाले कमरे के अंदर राजकुमार की आत्मा को कैद कर देते हैं और उसे सील कर देते हैं और उस तहखाने के बाहर एक दीवार बना देते हैं ताकि उस तहखाने के बारे में किसी को पता ही ना लगे और फिर वो लोग पूरे इतिहास में यह बात फैलाते हैं कि जब राजा ने राजकुमार को नया राजा बनाया तो मंजुलिका ने गुस्से में आकर राजकुमार की हत्या कर दी जिस वजह से राजा ने उसे मृत्यु दंड दिया और फिर मरकर वही आत्मा बन गई और फिर इसी झूठी कहानी को सच रखने के लिए उस समय के जो राजपुरोहित होते हैं वो राजमहल के अंदर एक और कमरा ढूंढते हैं और उसे झूठ मूट कर सील कर देते हैं और यह बात फैला देते हैं कि इसके अंदर मंजुलिका की आत्मा कैद है |

जबकि उस कमरे के अंदर कुछ भी नहीं होता है अब इसके बाद ही राजकुमार की कहानी खत्म होती है और फिर इस तरह से हमें इतिहास की सारी सच्चाई पता लगती है लेकिन फिर इसके बाद ही राजकुमार की आत्मा सबसे कहती है कि अब वो यहां मौजूद सारे लोगों को मार देगा और साथ ही साथ वो अपनी इन दोनों बहनों को भी मारेगा जिन्होंने कि फिर से पुनर्जन्म लिया है लेकिन जब राजकुमार की आत्मा सबको मारने के लिए भागती है तब वो जाने-अनजाने उस जगह पर खड़ी हो जाती है जिस जगह पर वो तिलस्मी तेल फैला होता है और इसीलिए राजकुमार की आत्मा उस जगह पर फंस जाती है और हिल भी नहीं पाती है यह देखकर जो राजपुरोहित होता है व अंजोलिका और मंजुलिका से कहता है कि असलियत में उसके पुरखों की भविष्यवाणी सच हो चुकी है क्योंकि उसके पुरखों ने यह भविष्यवाणी की थी कि इस राजमहल के अंदर जो आत्मा कैद है उसे मुक्त करने के लिए राज घराने का ही कोई फिर से पुनर्जन्म लेगा और इसलिए अब वो राजपुरोहित ये समझ चुका है कि पुनर्जन्म कार्तिक आरयन का नहीं बल्कि मंजुलिका और अंजुल का हुआ है ताकि वो अपने इस भाई की आत्मा को खत्म कर सके और फिर यह राजपुरोहित उन दोनों के हाथ में मशाल देता है और वो उन दोनों से कहता है कि वो इस मशाल से राजकुमार की आत्मा को जला दें ताकि वो आत्मा खत्म हो जाए |

लेकिन हम ये देखते हैं कि जब अंजोलिका और मंजुलिका उस मशाल को लेकर राजकुमार की तरफ बढ़ती है तब उसके पास पहुंचकर वो दोनों रुक जाती हैं और फिर वो दोनों अपने हाथ के मसालों को फेंक देती हैं फिर वो अपने भाई से कहती हैं कि हमने पिछले जन्म में भी तुम्हारे साथ गलत किया था और शायद इस जन्म में भी हम तुम्हारे साथ गलती करने जा रहे थे लेकिन अब हम दोनों को हमारी गलती एहसास हो चुकी है और हमारी गलती यह है कि हमने ना तो कभी तुम्हें समझा और ना ही तुम्हारे साथ कभी कुछ सही किया और बल्कि तुमने जो भी किया वो भी बिल्कुल सही किया क्योंकि पिताजी ने तुम्हें मृत्युदंड दिया तुम्हें जिंदा जलाकर मार दिया लेकिन अब हम दोनों बहनें ये चाहती हैं कि तुम यानी कि हम दोनों के भाई हम दोनों को माफ कर दो क्योंकि कि हमने पिछले जन्म में तुम्हारे साथ जो भी किया वो हमें नहीं करना चाहिए था|

अब राजकुमार की आत्मा जैसे अपनी दोनों बहनों की बातें सुनता है वैसे ही वो बहुत ज्यादा इमोशनल हो जाता है लेकिन अब क्योंकि दोनों राजकुमारियों को अपनी गलती का पश्चाताप होता है इसीलिए हम ये देखते हैं कि राजकुमार की आत्मा को मुक्ति मिल जाती है
और वो हंसी खुशी वहां से गायब हो जाता है फिर इसके साथ ही ये मूवी एंड हो जाती है |

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