NEET Exam 2024: नीट परीक्षा से जुड़ी 10 बड़ी बातें, कब-क्या हुआ? जान लें एक नजर में
प्रीमेडिकल नीट एग्जाम के रिजल्ट्स को लेकर पूरे देश भर में हल्ला मच रहा है वैसे तो इस एग्जाम को 23 लाख स्टूडेंट्स ने इस साल दिया है लेकिन बात सिर्फ इन 23 लाख स्टूडेंट्स की नहीं है बात देश के हर एक स्टूडेंट की है जो एक्सपेक्ट करता है कि उसे फेयर चांस मिलेगा
अच्छे कॉलेजेस में सीटों की सख्त कमी है और अब सीटों के लिए जो एग्जाम्स कंडक्ट कराए जा रहे हैं अगर वो भी ढंग से नहीं कराए जाएंगे तो क्या उम्मीद रह जाएगी देश के फ्यूचर के लिए पेपर्स का लीक हो जाना या खराब तरीके से एग्जाम्स कंडक्ट करना यह पिछले कुछ सालों से आम बात बन चुकी है
पिछले ही महीने एग्जाम हो जाने के कुछ दिन बाद पटना पुलिस ने 13 लोगों को पेपर लीक करने के जुर्म में अरेस्ट किया था ये लोग 30 से 50 लाख चार्ज कर रहे थे हर एक स्टूडेंट से लीक्ड पेपर के लिए
NEET Exam 2024: नीट परीक्षा से जुड़ी 10 बड़ी बातें, कब-क्या हुआ? जान लें एक नजर में
द इंडियन एक्सप्रेस की इन्वेस्टिगेशन ने बताया पिछले 5 सालों में 41 अलग-अलग पेपर लीक्स देखने को मिले हैं जिनकी वजह से 4 करोड़ जॉब सीकर्स की जिंदगियों पर असर पड़ा है कितनी ही बार प्रोटेस्ट देखने को मिले हैं ।
इन पेपर लीक्स को लेकर इस बार भी देखने को मिले और हमेशा की तरह इन प्रोटेस्ट को नजरअंदाज कर दिया जाता ,लेकिन बात इस बार सिर्फ पेपर लीक्स तक नहीं रुकी जब 4 जून को नीट एग्जाम के रिजल्ट सामने आए तो कुछ अनबिलीवर्स देखने को मिली एक बड़े स्केल पर किया गया स्कैम इसे कहा जा रहा है।
इससे पहले एआई पीएमटी का टेस्ट हुआ करता था ऑल इंडिया प्री मेडिकल टेस्ट लेकिन जब वो होता था तो कई सारे मेडिकल कॉलेजेस और स्टेट्स के अपने अलग-अलग प्रीमेडिकल एग्जाम्स होते थे इन सभी एग्जाम को एक एग्जाम से रिप्लेस करने के लिए नीट इंट्रोड्यूस किया गया ।
2013 में शुरुआत में कई सारी स्टेट्स जैसे कि आंध्र प्रदेश, कर्नाटका, गुजरात, वेस्ट बेंगाल ,तमिलनाडु ने इसके खिलाफ प्रोटेस्ट किया था इसलिए कई साल का समय लग गया और 2016 में जाकर ही पहला नीट एग्जाम कंडक्ट किया गया।
पहले तीन सालों के जो नीट एग्जाम्स थे उन्हें ओवरसी किया गया था सीबीएससी के द्वारा, लेकिन 2019 के बाद से इन एग्जाम्स को कंडक्ट कराने की रिस्पांसिबिलिटी एनटीए(NTA )यानी नेशनल टेस्टिंग एजेंसी ये एक ऑटोनोमस एजेंसी है जिसे नवंबर 2017 में एस्टेब्लिश किया गया था ।
अंडर द डिपार्टमेंट ऑफ हायर एजुकेशन ऑफ द मिनिस्ट्री ऑफ एजुकेशन ऑफ इंडिया, इस एजेंसी को इस उम्मीद से बनाया गया था कि इसके पास अपना इंडिपेंडेंस होगा हमें ज्यादा ट्रांसपेरेंसी देखने को मिलेगी एग्जाम्स कंडक्ट कराते वक्त लोगों का कॉन्फिडेंस बढ़ेगा इन एग्जाम्स को लेकर।
लेकिन हुआ इसका उल्टा ही है आज लोगों का सारा गुस्सा इस एनटीएटी की ओर देखने को मिल रहा है
क्या कारण है इसके पीछे , थोड़ा गहराई से समझते हैं ?
प्रॉब्लम्स इस एग्जाम के कंडक्ट होने से पहले ही शुरू हो गई थी 9th फरवरी 2024 को एनटीए एग्जाम की रजिस्ट्रेशंस ओपन करी थी और 1 महीने तक का समय दिया था डेडलाइन थी 9थ मार्च रजिस्टर करने की जो कि नॉर्मल है एक महीने तक का समय दिया गया लेकिन 9थ मार्च को एक हफ्ते के लिए और एक्सटेंड कर दिया जाता है इस डेडलाइन को अब ये भी कोई इतनी बड़ी बात नहीं है ।
इसके बाद एग्जाम कंडक्ट किया जाता है 5 मई को और इसके बाद भी ढेर सारी पेपर लीक्स की खबरें आती हैं अलग-अलग स्टेट से कभी गुजरात से कभी बिहार से तो कभी उड़ीसा से लेकिन असली मजाक शुरू होता है 4 जून को जब रिजल्ट्स डिक्लेयर होते हैं
नीट(NEET) का एग्जाम एक एमसीक्यू एग्जाम है जिसमें चार अलग-अलग सब्जेक्ट्स में सवाल पूछे जाते हैं फिजिक्स, केमिस्ट्री ,जूलॉजी और बोटेनी हर एक सब्जेक्ट में 50 क्वेश्चन होते हैं जिनमें से 45 अटेंप्ट करने होते हैं तो टोटल आउट ऑफ़ 200 180 क्वेश्चंस को अटेंप्ट करना होता है हर सही जवाब के मिलते हैं प्लस फोर मार्क्स हर गलत जवाब के -1 मार्क 3 घंटे 20 मिनट का समय दिया जाता है और मैक्सिमम मार्क्स जो पॉसिबल है वह 720 हैं।
अब होता क्या है कि 67 स्टूडेंट्स फुल मार्क्स स्कोर करते हैं 720 आउट ऑफ 720 सब के सबको ऑल इंडिया रैंक वन मिल जाती है यह एक बहुत ही अजीब चीज है क्योंकि पिछले साल जो एग्जाम हुआ था उसमें सिर्फ दो लोगों ने टॉप किया था उससे पिछले साल 2022 का जो नीट था उसमें चार लोगों ने टॉप किया था लेकिन किसी को भी फुल मार्क्स नहीं मिले थे 715 हाईएस्ट स्कोर था उससे पिछले साल 2021 में सिर्फ तीन लोगों ने टॉप किया था और अब अचानक से 67 लोग टॉप करने लग गए ये कैसे हो सकता है।
एनटीटीए(NTA) ने इसको लेकर तीन रीजंस दिए
एनटीटीए(NTA) ने इसको लेकर तीन रीजंस दिए पहला एक ऑफिशियल ने उनके कहा कि इस साल का एग्जाम काफी आसान था इसलिए इतने सारे लोगों ने टॉप कर दिया लेकिन जब स्टूडेंट्स और एक्सपर्ट्स से पूछा गया तो उन्होंने रिजल्ट्स आने से पहले कहा था कि एक्चुअली में इस साल का एग्जाम तो बहुत टफ था वो कह रहे थे कि जो स्कोर होगा वह नीचे जाएगा कोई टॉप नहीं कर पाएगा
दूसरा एनटीए(NTA) ने कहा कि इस साल जो नंबर ऑफ कैंडिडेट्स थे वो कहीं ज्यादा थे 3 लाख ज्यादा कैंडिडेट्स अपीयर कर रहे थे इस एग्जाम के लिए 2023 के कंपैरिजन में तो क्योंकि ज्यादा कैंडिडेट्स थे इसलिए नेचुरली हायर स्कोर्स देखने को मिलेंगे लेकिन तीसरा कारण सबसे इंटरेस्टिंग है एनटीए ने कहा कि इतने सारे रैंक वन इसलिए आए हैं
क्योंकि 67 में से 50 टॉपर्स को इन्होंने ग्रेस मार्क्स दिए हैं इन 50 में से 44 स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए क्योंकि आंसर कीज में कुछ डिस्क्रिपेंसी थी और बाकी छह स्टूडेंट्स को ग्रेस मार्क्स दिए गए टाइम रिलेटेड इश्यूज की वजह से एक ये फिजिक्स का क्वेश्चन था इस एग्जाम में जिसमें दो सही आंसर्स थे क्योंकि एनसीआरटी की एक पुराने एडिशन की टेक्स्ट बुक थी और एक नए एडिशन की टेक्स्ट बुक थी दोनों में अलग-अलग चीजें लिखी थी तो सब्जेक्ट एक्सपर्ट्स ने कहा कि दोनों ऑप्शन को सही कहा जाना चाहिए।
सवाल ये उठता है कि ये छह टॉपर्स कौन हैं जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए टाइम की कमी की वजह से क्या ये सारे छह टॉपर्स एक ही एग्जाम सेंटर से बिलोंग करते हैं ये पॉसिबल है ये छह टॉपर्स उन 1563 स्टूडेंट्स का हिस्सा है जिन्हें लॉस ऑफ टाइम की वजह से ग्रेस मार्क्स दिए गए हैं और इनमें से कुछ स्टूडेंट्स ऐसे हैं जिन्हें 718 या 719 आउट ऑफ 720 मार्क्स मिल गए जो कि टेक्निकली इंपॉसिबल है मिलना क्योंकि या तो आपको सही जवाब के + 4 मिलेंगे या गलत जवाब के -1 मिलेंगे तो नॉर्मल कंडीशंस में इस एग्जाम का स्कोर या तो किसी का 720 आ सकता है या 716 या 715 आ सकता है 718 19 पॉसिबल नहीं था ये दो स्टूडेंट्स जिनको ये स्कोर मिले ये भी उसी झज्जर सेंटर के हैं जिससे छह टॉपर्स निकले हैं
जब एनटीए(NTA) से पूछा गया कि उन्होंने ग्रेस मार्क्स क्यों दिए तो उन्होंने कहा कि कई पेटीशन फाइल कर गई थी नीट 2024 के कैंडिडेट्स के द्वारा हाई कोर्ट ऑफ पंजाब एंड हरियाणा के सामने उन स्टूडेंट्स ने कहा था कि उन्हें लॉस ऑफ एग्जाम टाइम देखने को मिला तो इसकी वजह से एनटीए मार्क्स दिए और ग्रेस मार्क्स देने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की 2018 की एक जजमेंट का इस्तेमाल किया था उस जजमेंट के अनुसार एक स्टैंडर्ड मेथड को नॉर्मलाइज करके यहां कैलकुलेट किया जा सकता कि लॉस्ट टाइम के लिए कितने ग्रेस मार्क्स दिए जाने चाहिए लेकिन अब यहां पर बात ये उठी कि 2018 की जो जजमेंट थी ये सीएल एटी एग्जाम लॉ के एग्जाम को लेकर थी और इस जजमेंट को इस कैटेगरी में लिखा गया था एडमिशन टू एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स अदर देन मेडिकल एंड इंजीनियरिंग यानी कि ये क्लीयरली लिखा गया था कि इस जजमेंट को इस्तेमाल नहीं किया जा सकता इंजीनियरिंग और मेडिकल एग्जाम्स के लिए तो सवाल ये कि एनटीए ने कैसे इसे इस्तेमाल कर लिया ।
बात यहां खत्म नहीं होती है इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जूनियर डॉक्टर्स ने एक और मुद्दा उठाया रिजल्ट्स के डिक्लेयर किए जाने से पहले, एनटीए शीट को रिलीज करता है ऑप्टिकल मार्क रिकग्निशन शीट जो कि बेसिकली स्टूडेंट की आंसर शीट है जहां पर उसने एमसीक्यू के जवाब भरे हैं यह इसलिए किया जाता है ताकि स्टूडेंट्स को एक फेयर आईडिया मिल पाए कि उनका स्कोर क्या होगा लेकिन प्रॉब्लम क्या हुई कि कई स्टूडेंट्स को अपने अलग ही मार्क्स दिखे अपने स्कोर कार्ड्स में।
फाइनली एनटीए(NTA) मार्क्स को हटाने के लिए राजी हो गया है वो 1563 कैंडिडेट्स जिन्हें ग्रेस मार्क्स दिए गए अब उन्हें ऑप्शन दिया जा रहा है कि या तो वो दोबारा से एग्जाम दे दे या फिर अपना स्कोर बिना ग्रेस मार्क्स के एक्सेप्ट कर ले ये ग्रेस मार्क्स की समस्या के लिए सही सॉल्यूशन है ? बाकी और प्रॉब्लम्स का क्या पेपर लीक्स इन्फ्लेटेड स्कोर सेम सेंटर से छह टॉपर्स का होना इन सारी चीजों पर अभी भी जवाब देना बचता है ।