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SUMMARY OF THE INTERIM UNION BUDGET 2024-25:बजट में किसे क्या मिला, आपके हिस्से में क्या आया?

SUMMARY OF THE INTERIM UNION BUDGET 2024-25:बजट में किसे क्या मिला, आपके हिस्से में क्या आया?

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से 2024 के केंद्रीय बजट को पेश कर दिया गया है। अब क्योंकि 2024, चुनावों का साल है तो नियम ये कहता है जो हमारे ट्रेडिशन चले आ रहे हैं वो ये कहते हैं कि 2024 में यानी कि चुनाव का जो साल होता है वहाँ पर कोई भी सरकार अपना फुल बजट पेश नहीं करती है। अपना इंट्रीम बजट पेश करती है, अंतरिम बजट पेश किया जाता है।

और इसी वजह से इस बार का जो बजट है 2024 का बहुत विस्तृत बजट नहीं है। बहुत संक्षेप में पेश किया गया और वित्त मंत्री का जो भाषण था वो मात्र 1 घंटे के आसपास का था। तो इसी से आप अनुमान लगा सकते हैं कि बजट कितना ज्यादा संक्षेप में रहा होगा। तो आज  हम इसी बजट पर बात करने वाले हैं। 

क्या आंकड़े पेश किए गए हैं? क्या अनुमान लगाए गए हैं? उन्हीं तमाम चीजों को यहाँ पर हम समझने वाले हैं। 

1.तो सबसे पहले हम बजट के विषय में संक्षेप में जायेंगे कि आखिर बजट होता क्या है?

2.इसके बाद जो मौजूदा सरकार का कार्यकाल है, उस कार्यकाल की जो उपलब्धियां रही हैं, जिन्हें बजट में पेश किया गया है, उन उपलब्धियों पर भी बात करेंगे।

3.भारतीय अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति क्या है? 

4. बजट में कौन कौन सी घोषणाएं शामिल की गई हैं, कौन कौन सी बातें की गई हैं, उन पर भी हम बात करेंगे।

5. इसके अलावा कौन से मंत्रालय को कितना ज्यादा आवंटन किया गया है, उसको भी समझेंगे और एक निष्कर्ष पर भी बात करेंगे ।

SUMMARY OF THE INTERIM UNION BUDGET 2024-25:बजट में किसे क्या मिला, आपके हिस्से में क्या आया?   बजट को आप एक फाइनैंशल स्टेटमेंट के तौर पर एक वित्तीय लेखे के तौर पर एक स्टेटमेंट के तौर पर देख सकते हैं। जीस स्टेटमेंट में आपको सरकार का व्यय कितना होने वाला है, सरकार का खर्चा कितना होगा, सरकार को कितना कर मिलेगा यानी राजस्व कितना होगा। ट्रांसक्शन क्या होने वाली है, लेन देन क्या होगा और जो योजनाएं हैं सरकार की। इन तमाम चीजों का एक ब्लू प्रिंट पेश किया जाता है बजट के माध्यम से।

 इसके अलावा अगर आप संविधान में बात करें तो अगर आप संविधान पढ़ेंगे तो संविधान में कहीं भी आपको बजट शब्द का जिक्र दिखाई नहीं देगा। अगर आप इसको समझना चाहते हैं तो आपको भारतीय संविधान के अनुच्छेद 112 के पास जाना पड़ेगा और भारतीय संविधान का निषेध 112 जो है वो सरकार के लिए मांडेटोरी करता है,की सरकार संसद के सामने वार्षिक वित्तीय विवरण पेश करेगी और इसी वार्षिक वित्तीय विवरण को हम आम बोलचाल की भाषा में बजट कहते हैं। 

 चलिए हम आगे बढ़ते हैं और बजट में जो बातें की गई हैं यानी मौजूदा सरकार की जो कार्यकाल है उसकी क्या उपलब्धियां रही हैं? 

 सबसे पहले गरीब कल्याण के लिए सरकार ने क्या क्या काम किया है, उसको लेकर बात की गई है। जैसे गरीब कल्याण के लिए अगर आप देखे तो डी बी टी के जरिए यानी कि डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए तकरीबन 2.7,00,000 करोड़ रुपए की बचत की गई है।

डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर में क्या होता है?

इसके तहत सरकार जो है वो बेनिफिशरी यानी जीस व्यक्ति को लाभ मिल रहा है। उसके अकाउन्ट में सरकार सीधे पैसे जमा कर देती है। आपको याद होगा कि सरकार की ओर से जनधन योजना इसके अलावा जो तमाम बैंक खाते खोलने की योजनाएं थी, उनकी शुरुआत की गई थी तो ये इसी का एक पहलू था।

 इसके अलावा यहाँ पर पी एम स्वानिधि योजना की भी बात की गई है। पी एम स्वानिधि योजना के माध्यम से भारत सरकार की ओर से  78,00,00,000 रेरी पट्टी वाली जो लोग थे उन लोगों को ऋण प्रदान किया गया। तो अगर आप पी एम स्वानिधि योजना की बात करें तो ये योजना भारत में  आपको जो फुटपाथ है उसके आसपास जो लोग रेडी पटरी लगाते हैं,उनके लिए सरकार ने इस योजना की शुरुआत की थी। तो इस योजना में बेसिक्ली सरकार जो है वो उन लोगों को थोड़ा बहुत ऋण देती है, बहुत छोटा ऋण दिया जाता है। जैसे पहला जो ऋण है वो आपको 10,000 का मिल सकता है। इसके बाद 20,000 का, फिर उसके बाद 50,000 का और उस पर जो इन्ट्रेस्ट रेट होता है वो भी बहुत कम होता है, 7% के आसपास होता है। इसके अलावा उस पर आपको कोई कोलेटरल भी नहीं देना पड़ता। कोई चीज़ गिरवी नहीं रखनी पड़ती है।

तो इससे हमारे छोटे छोटे जो दुकानदार है उनको बहुत ज्यादा फायदा मिलता है तो सरकार का डेटा ये बताता है कि सरकार ने अपनी इस योजना के माध्यम से तकरीबन 78,00,000 लोगों की सहायता की है।

 इसके अलावा अगर आप युवाओं की बात करें, खास तौर पर एजुकेशन सेक्टर में आप देखते हैं।

 सरकार ने तकरीबन 1.4,00,00,000 युवाओं को कौशल भारत अभियान के तहत प्रशिक्षित किया है यानी उन्हें स्किल प्रदान की गई है। इसके अलावा युवाओं को उद्यमी बनाने के लिए तकरीबन जो पी एम मुद्रा योजना है, इसके तहत ₹43,00,00,000 के लोन को स्वीकृत किया गया है।

पी एम मुद्रा योजना

अब अगर आप पी एम मुद्रा योजना की बात करें तो पी एम मुद्रा योजना सरकार की ओर से शुरू की गई थी ताकि भारत में जो हमारे उद्यमी है, जो आन्ट्रप्रनर है उनको माइक्रो लोन दिए जा सके। मुद्रा की जब आप बात करेंगे तो उसमें जो लक्ष्य है वो माइक्रो के लिए है तो यहाँ पर सरकार माइक्रो लोन प्रदान करती है। 

माइक्रो लोन कैसे? यहाँ पर जो लोन है उसकी दो कैटेगरी शामिल की गई है।

पहली कैटेगरी में आप 50,000 तक का लोन ले सकते हैं। दूसरी कैटेगरी में आप 50,000 से 5,00,000 तक का लोन ले सकते हैं। यहाँ पर आप देखेंगे कि लोन का अमाउंट केवल 5,00,000 है तो इसका उद्देश्य यह है कि भारत में जो छोटे छोटे आन्ट्रप्रनर है, छोटे छोटे जो उद्यमी है उनकी सहायता करना और इस योजना के माध्यम से सरकार ने अब तक ₹43,00,00,000 के अमाउंट को ₹43,00,00,000 के लोन को स्वीकृत किया है। यह एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर सरकार द्वारा पेश किया गया है।

पी एम श्री योजना

इसके अलावा पी एम श्री जो योजना है उसके आवंटन में बढ़ोतरी की गई है  2023 24 में 4000 करोड़ के आसपास था इसको बढ़ाकर 6050 करोड़ कर दिया गया है। इसके अलावा अगर आप एजुकेशन सेक्टर की बात करें, सरकार ने जो यूनिवर्सिटीज़ खोली है तो वहाँ पर अगर आप देखें तो इसमें आपको दिखेगा कि 2014 में जो हमारी आई आई टी  थी, उनकी संख्या 16 के आसपास हुआ करती थी और ये 2023 में बढ़कर 23 के आसपास पहुँच गई है। 

यानी आपको आई आई टी  की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिली है इसके अलावा एम्स की अगर आप बात करें तो 2014 में जो एम्स थे वो सात एम्स थे। वही 2022 में हमारे पास 22 एम्स मौजूद हैं। इसके अलावा अगर आप बात करें 2014 में यूनिवर्सिटीज़ की विश्वविद्यालय की तो इनकी संख्या 2014 में 723 हुआ करती थी,जो की 2023 में बढ़कर 1113 हो गई है। 

यानी ओवरआल अगर आप देखे एजुकेशन सेक्टर में हमने यूनिवर्सिटीज़ को बढ़ाने में बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण काम किया है तो इसके माध्यम से जो हायर एजुकेशन है उसमें भी आपको एक लेवल पर बढ़ोतरी देखने को जरूर मिलेंगे।

SUMMARY OF THE INTERIM UNION BUDGET 2024-25:

महिलाओं के लिए क्या किया गया है

 इसके अलावा अगर आप नारी शक्ति की बात करें कि सरकार की ओर से महिलाओं के लिए क्या किया गया है ।

 मुद्रा योजना में विशेषकर महिलाओं पर ज़ोर दिया गया है।

मुद्रा योजना के तहत सरकार ने महिला उद्यमियों को 30,00,00,000 मुद्रा योजना लोन जो है वो वितरित किए हैं। इसके अलावा अगर आप बात करें उच्चतर शिक्षा में महिलाओं की क्या स्थिति है? तो उच्चतर शिक्षा में महिलाओं का जो नामांकन है, उनका जो एनरोलमेंट है वह पिछले 10 सालों में बड़ा है और पिछले 10 सालों में इसमें तकरीबन 28% तक की बढ़ोतरी देखने को मिली है। 

यानी हमारा जो हायर एजुकेशन सिस्टम है, वहाँ पर अब महिलाएं ज्यादा आ रही है, पिछले 10 साल की तुलना में। इसके अलावा आप बात करें स्टाम्प पाठ्यक्रमों की यानी कि स्टेम का मतलब होता है साइंस, इंजीनियरिंग टेक्नोलॉजी, मैथेमेटिक्स एंड मेडिसिन ये जो साइंस वाले सेक्टर है।

यहाँ पर महिलाओं का जो एनरोलमेंट है उसमें वो 43% के आसपास पहुँच गया है। यानी कि अब जो है 100 में से 43 जो लोग अगर आप माने की 100 लोग स्टेम्प सेक्टर से जुड़े हुए हैं तो उसमें से 43 जो है, महिलाएं हैं तो ये भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है कि भारत अपने स्टेम सेक्टर में महिलाओं को जोड़ने में सफल साबित हुआ है।

लखपति दीदी योजना

 इसके अलावा अगर आप बात करें लखपति दीदी योजना की तो सरकार की ओर से ये लखपति दीदी योजना शुरू की गई थी, जिसके तहत तकरीबन 83,00,000 स्वयं सहायता समूहों की 1,00,00,000 महिलाओं को लखपति दीदी बनाने की लखपति दीदी बनाया गया है और सरकार ने इसके टारगेट को भी बढ़ा दिया है। लखपति दीदी बेसिक्ली सरकार का एक कार्यक्रम था जीस कार्यक्रम के तहत। सरकार जो है वो स्वयं सहायता समूह हो यानी की जो सेल्फ हेल्प ग्रुप है।

उनके माध्यम से गांव की जो महिलाएं हैं उन्हें फाइनेंसिली एम्पावर करने की कोशिश कर रही थी। इसमें दरअसल इसमें टारगेट ये डिसाइड किया गया था कि जो महिलाएं हैं जो इस कार्यक्रम से जुड़ेगी, उन्हें स्किल डेवलपमेंट के माध्यम से उन्हें नई चीजें सीखा करके हम 1 साल के भीतर ₹1,00,000 कमाने में सक्षम बनाएंगे तो उन्हें लखपति दीदी कहा जाता है।  

अब हम भारतीय इकॉनमी की वर्तमान स्थिति की बात करते हैं जो कि सरकार ने इस बजट में डेटा हमारे सामने पेश किया है।

सबसे पहले आप अगर आप बात करिए CAD की, यानी कि करेंट अकाउन्ट डेफिसिट की तो करेंट अकाउन्ट डेफिसिट पिछले कुछ सालों में लगातार आपको कम होता हुआ दिखाई देगा, केवल 2023 को छोड़ करके ।

 CAD का क्या मतलब होता है? 

सीएडी यानी के करेंट अकाउन्ट डेफिसिट बेसिक्ली आपका जो इंपोर्ट और एक्सपोर्ट है उसके डिफरेंस को आप सी ए डी कहते हैं । 

 2023 में हमारा जो करेंट अकाउन्ट डेफिसिट था वो 1.78 के आस पास था, 1.7 या 1.8 के आस पास था तो ज़ाहिर तौर पर ये हमने करेंट अकाउन्ट डेफिसिट की बात की। इसके अलावा आप बेरोजगारी दर की बात करें तो ओवरआल अगर आप देखेंगे तो भारत में बेरोजगारी की जो दर है वो कम हो रही है।

 2017-18 में ये 6.1% के आसपास थी, अपने पीक लेवल पर थी और 2022 23 में ये 3.2% के आसपास पहुँच गई है। इसके अलावा अगर आप बात करें कि बैंको का जो जी एन पी है यानी कि ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट है, उसमें भी लगातार कमी आई है।

खासतौर पर पिछले कुछ सालों में 2018 में अगर आप बैंकरों का नॉन परफॉर्मिंग एसेट देखेंगे तो वो 11.2% के आसपास था जो की लगातार धीरे धीरे कम होते हुए वर्तमान समय में 2023 में सितंबर 2023 में 3.2% के आसपास आ गया है तो ग्रॉस नेट पे एन पी ए में भी ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट में भी आपको कमी देखने को मिली है। 

इसके अलावा अगर आप बात करें हेडलाइन इन्फ्लेशन की, तो हेडलाइन इन्फ्लेशन भी 2014 के बाद से लगातार कम होता जा रहा है। हालांकि, अगर आप जो covid 19 वाले इयर्स थे  2020 ,21 ,22 में हमें हेडलाइन इन्फ्लेशन में थोड़ी बढ़ोतरी देखने को जरूर मिली थी, लेकिन उसके बाद ये 2014 से अगर आप इसका कंपॅरिज़न करेंगे तो यहाँ पर कमी जरूर आई है। 

हेडलाइन इन्फ्लेशन का मतलब होता है की एक देश में जो आम नागरिक है, वो जो भी सामान खरीदते या बेचते है,  उनको सामान में उस सामान की जो कीमत है, उसमें क्या बढ़ोतरी, क्या कमी आई है? इसको आप हेडलाइन इन्फ्लेशन कहते है।

 अब हम आगे बढ़ते है और ये जानने की कोशिश करते है की बजट क्या बताता है बजट ये बताता है की भारत में रुपया आता कहा से है। सबसे पहले ये जानते है की भारत सरकार को पैसे कहाँ से मिलते है और कहा से कितना पैसा मिल रहा है ।

 सरकार को जो सबसे ज्यादा पैसा मिला ,पिछले साल वो उधार से मिला। यानी की सरकार ने जो सबसे ज्यादा पैसा प्राप्त किया वो उधार लेकर के प्राप्त किया। तकरीबन 28% पैसा जो था वो सरकार को उधार ले करके मिला। यानी की इसको एग्ज़ैम्पल से आप कह सकते हैं कि अगर सरकार के पास ₹100 मौजूद थे तो इसमें से ₹28 तो आपके उधार लेकर के आए, आपका जो है आपका लोन लेकर के आए, इसके अलावा और क्या है? इसमें इसके अलावा आयकर से भी पैसे आए।

इसके अलावा इन्कम टैक्स से तकरीबन ₹19 आपको देखने को मिले, इससे इन्कम टैक्स से इसके अलावा जो जी एस टी था और जो दूसरे कर थे उससे तकरीबन ₹18 सामने आया नहीं। 18% अमाउंट इससे आया है और आयकर से 19%। इसके बाद अगर आप बात करें कॉर्पोरेट कर की यानी कि निगम करके उससे हमारे पास 17% पैसे आते हैं।

यानी की ₹17 आते है और इसी के बाद जो छोटे छोटे अमाउंट बचता है, जैसे की केन्द्रीय उत्पाद शुल्क सेंटर कस्टम टैक्स हो गया। इसके अलावा कर कर भिन्न प्राप्ति यानी दूसरे टैक्स जो हो गए। इसके अलावा पूंजीगत प्राप्तियां हो गयी सीमा शुल्क हो गया। तो यहाँ पर अगर आप देखेंगे जो ओवरआल पैसा आ रहा है जो बड़ा बड़ा बड़ी बड़ी चीज़े है। सबसे पहला आपका लोन हो गया। सबसे ज्यादा पैसे लोन से आते है। इसके अलावा आपका इन्कम टैक्स हो गया। इसके अलावा आपका जी एस टी हो गया तो तीन चीजें है जहाँ से सबसे इसके अलावा आप का कॉर्पोरेट टैक्स हो गया तो चार चीजें है पहला है उधार से सबसे ज्यादा पैसे आते है। इसके बाद आपका जो आयकर है इसके बाद इन्कम टैक्स है इन्कम टैक्स के बाद जी एस टी है। और जी एस टी के बाद आपका कॉर्पोरेट टैक्स है तो ये चार जगह है जहाँ से सरकार को सबसे ज्यादा पैसा प्राप्त होता है। 

अब यहाँ पर सवाल उठता है ये तो हमने देखा कि सरकार को पैसा मिलता कहाँ से है? अब हम देखेंगे कि सरकार को सरकार का जो पैसा है वो जाता कहाँ पर है? यानी सरकार खर्च कहाँ पर करती है? तो सरकार जो पैसा सबसे ज्यादा खर्च करती है वो आपका ब्याज पर खर्च करती है क्योंकि सरकार ने बहुत ज्यादा लोन ले रखा है। और उस लोन पर सरकार जो ब्याज देती है, जो इन्ट्रेस्ट देती है, उस पर सरकार 20% पैसा अपना खर्च करती है। 

 INTERIM UNION BUDGET 2024-25

 अब हम देखेंगे कि  सरकार का जो पैसा है वो जाता कहाँ पर है? यानी सरकार खर्च कहाँ पर करती है? 

सरकार जो पैसा सबसे ज्यादा खर्च करती है वह आपका ब्याज पर खर्च करती है क्योंकि सरकार ने बहुत ज्यादा लोन ले रखा है।और उस लोन पर सरकार जो ब्याज देती है, जो इन्ट्रेस्ट देती है, उस पर सरकार 20% पैसा अपना खर्च करती है। यानी कि इसको भी एक एग्ज़ैम्पल समझिए आप यानी कि अगर सरकार ₹100 खर्च करती है तो इसमें से ₹20 तो केवल ब्याज देने में ही चले जाते हैं। इसके अलावा इसके बाद बारी आती है कर और शुल्क में राज्यों का जो भाग रहता है। यानी कि सरकार को जो पैसे प्राप्त होते हैं टैक्स के माध्यम से उसमें से जो पैसा केंद्र सरकार राज्यों को देती है।

वो पैसा भी 20% के आसपास है यानी की ये भी ₹20 है, ये सरकार का खर्चा होता है। इसके अलावा और आगे अगर आप देखे तो तकरीबन आपका जो पेंशन है उस पर 4% पैसे जाते है जो आपका वित्त आयोग है। यानी की जो आपका फनैन्स कमिशन है वो जो रिकमेन्डेशन देता है वो जो पैसे देने की बात करता है, उस पर सरकार 8% खर्च करती है।

इसके अलावा जो केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं हैं, सेंट्रल सेक्टर स्कीम हैं, उस पर सरकार 16% खर्च करती हैं और जो केंद्रीय प्रयोजित योजना हैं यानी की सेंट्रल स्पॉन्सर सेंट्रली स्पॉन्सर स्कीम्स हैं, उस पर सरकार 8% खर्च करती हैं। 

दोनों में डिफरेंस क्या हैं? 

दोनों में डिफरेंस ये हैं की ये आपकी जो केंद्रीय क्षेत्रक योजना हैं , इस योजना में केंद्र सरकार 100% फंडिंग करती हैं और जो आपका केंद्र प्रयोजित योजना हैं। इस योजना में केंद्र और राज्य का जो हिस्सा है वो अलग अलग रहता है। जैसे अगर कोई सामान्य राज्य है तो वहाँ पर हिस्सा 60 और 40 हो सकता है। अगर कोई स्पेशल राज्य है जैसे हिमालयन प्रदेश हो गए, नॉर्थ ईस्टर्न स्टेटस हो गए या दूसरे स्टेटस हो गए तो वहाँ पर जो हिस्सा है वो आपका 90/10 के आसपास रह सकता है, जिसमें 90% पैसा केंद्र सरकार खर्च करेगी और 10% पैसा जो राज्य है या फिर यूनियन टेरिटरी है उसके द्वारा खर्च किया जाएगा

  तकरीबन 16% पैसे जो हैं वो केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं में जाते हैं और 8% पैसे आपके केंद्रीय प्रयोजित योजनाओं में जाते हैं  सबसे ज्यादा पैसा आपका ब्याज के भुगतान में जाता है। इतना ही अमाउंट आपका करो को  जो राज्यों को हिस्सा दिया जाता है, उसमें जाता है। इसके अलावा आपका केंद्रीय क्षेत्र की योजनाएं हैं और साथ में आपका केंद्रीय प्रयोजित योजनाएं हैं। इसके अलावा आप इसमें जो फाइनेंस कमिशन का डिस्ट्रीब्यूशन रहता है, उसको भी शामिल कर सकते हैं। तो ये चार पांच चीजें हैं जहाँ पर सरकार सबसे ज्यादा पैसा खर्च करती है।

इसके अलावा राजस्व व्यय की बात करें, यानी कि सरकार जो खर्च करती है, उस खर्च को अगर आप देखें तो यह भी बढ़ रहा है। सरकार के खर्चे में बढ़ोतरी हो रही है। वहीं अगर आप पूंजीगत व्यय की बात करें तो यह भी लगातार स्टेबल में बना हुआ है, लेकिन ओवरआल इसमें आपको बढ़ोतरी देखने को मिल जाएगी। 

SUMMARY OF THE INTERIM UNION BUDGET 2024-25:बजट में किसे क्या मिला, आपके हिस्से में क्या आया?  अब हम यहाँ पर बात करेंगे कि बजट में सरकार की ओर से किस तरह की घोषणाएं की गई है, किस तरह की बातें की गई है।

वैसे तो एक इंतरिम बजट था और इंतरीम बजट में सरकार बहुत ज्यादा घोषणाएं नहीं करती है, लेकिन थोड़ी बहुत बातें यहाँ पर जरूर की गई है। जैसे कि अगर आप देखें सबसे पहले सस्टेनेबल डेवलपमेंट के लिए आपको कुछ बातें दिखाई देंगी, जैसे आपको याद होगा कि हमने 2070 तक नेट जीरो का टारगेट प्राप्त करने के लिए अपना लक्ष्य निर्धारित किया है।

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